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टायर बनाने वाली इस दिग्गज कंपनी को मिला 19 करोड़ रुपये का GST नोटिस, कर रही थी ये गलती

टायर बनाने वाली दिग्गज कंपनी सिएट (CEAT) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सिएट लि. को महाराष्ट्र और गुजरात के वडोदरा में कर अधिकारियों से जीएसटी और जुर्माने की मांग को लेकर 19 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। सिएट लि. ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वडोदरा के अतिरिक्त आयुक्त (केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) ने 3.27 करोड़ रुपये के ब्याज और 13.68 करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ आदेश जारी किया है। इससे पहले, कंपनी को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इसका कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट को 'क्रेडिट लेजर' दिखाने में देरी थी।

एक अन्य मामले में, महाराष्ट्र के कर उपायुक्त ने एक आदेश जारी कर 22 लाख रुपये और ब्याज के रूप में 26 लाख रुपये की मांग की है। साथ ही दो लाख रुपये जुर्माने की मांग की है। यह मामला आपूर्तिकर्ता के कर भुगतान नहीं करने से इनपुट टैक्स क्रेडिट की स्थिति में बदलाव से संबंधित है। इसको लेकर कारण कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था।

कंपनी के अनुसार, ''क्रेडिट लेजर में इनपुट टैक्स क्रेडिट दिखाने में देरी के लिए 1.59 करोड़ रुपये का ब्याज भी लगाया गया है।'' सिएट ने कहा कि वह दोनों मामलों का विश्लेषण कर रही है और आदेशों के खिलाफ उचित कदम उठा रही है।

 

बीते वर्ष भी मिला था नोटिस

सिएट को बीते वर्ष नवंबर महीने में भी कंपनी को माल एवं सेवा कर (GST) विभाग से 1.98 करोड़ रुपये का नोटिस मिला था। इसमें कंपनी पर केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अतिरिक्त आयुक्त द्वारा लगाया गया जुर्माना भी शामिल था। यह मांग सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के लागू प्रावधानों के तहत 'ट्रांजिशनल क्रेडिट' और 'ट्रांस2 क्रेडिट' के उल्लंघन से संबंधित था। वडोदरा-2 के सीजीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अतिरिक्त आयुक्त ने 1.80 करोड़ रुपये की मांग नोटिस भेजा था। वहीं 18 लाख रुपये का जुर्माना अलग से लगाया गया था।

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