छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के आरंग क्षेत्र में ट्रक से मवेशी ले जा रहे तीन लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। इसमें खुलासा हुआ है कि इन तीनों की मौत किसी मारपीट से नहीं, बल्कि नदी के पुल से कूदने के कारण हुई थी। पुलिस ने बताया कि पांच आरोपियों ने करीब 53 किलोमीटर तक इनका पीछा किया था, जिसके बाद ये लोग पुल से कूद गए।
घटना का विवरण
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 8 जुलाई को रायपुर की अदालत में पेश की गई चार्जशीट में बताया गया है कि गुड्डू खान (35), चांद मियां खान (23) और सद्दाम कुरैशी (उम्र अज्ञात) को मवेशी ले जाते समय पीछा किया गया था। इन तीनों ने अपनी जान बचाने के लिए पुल से छलांग लगा दी थी। पुलिस ने पहले बताया था कि इनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी, जबकि सद्दाम कुरैशी गंभीर रूप से घायल पाया गया था और बाद में अस्पताल में उसकी भी मौत हो गई थी।
पुलिस की जांच और चार्जशीट
पुलिस ने इस मामले में गहन जांच की और रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कीर्तन राठौर के नेतृत्व में 14 सदस्यीय विशेष दल का गठन किया। जांच के बाद पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।
चार्जशीट में पुलिस के दावे
चार्जशीट में पुलिस ने दावा किया है कि पांचों आरोपियों को मवेशियों को ले जा रहे ट्रक की जानकारी मिली थी। उन्होंने तीन कारों में सवार होकर ट्रक का पीछा किया और उसे रोकने के लिए लोहे की कीलें लगी लकड़ी और कांच के टुकड़े फेंके। ट्रक चालक ने भागने की कोशिश की और करीब 14 किलोमीटर तक गलत दिशा में गाड़ी चलाई, लेकिन आरोपियों ने उनका पीछा जारी रखा।
जब ट्रक का एक टायर क्षतिग्रस्त हो गया, तो ट्रक महानदी नदी पर बने पुल पर रुक गया। तीनों लोग डर के कारण ट्रक से उतर गए और पुल से कूद गए। चांद मियां की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गुड्डू खान ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। सद्दाम कुरैशी ने 12 दिनों के इलाज के बाद दम तोड़ दिया।
परिजनों के आरोप
चांद और सद्दाम के चचेरे भाई और शिकायतकर्ता शोहेब खान ने आरोप लगाया था कि भीड़ ने उनका पीछा किया और उन पर हमला किया। खान ने दावा किया था कि चांद ने फोन पर बताया था कि उन पर हमला हो रहा है। मोहसिन को की गई फोन कॉल 47 मिनट तक चली थी जिसमें सद्दाम ने कहा था कि उसके हाथ-पैर टूट गए हैं।
इस घटना में पुलिस की जांच और चार्जशीट ने परिजनों के आरोपों के विपरीत तथ्य पेश किए हैं। अब यह देखना होगा कि अदालत में इस मामले का क्या निष्कर्ष निकलता है।