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अब खड़ी होगी पाकिस्तान की खाट, भारत का प्लान तैयार; आतंक फैलाना पड़ेगा भारी

 अधिकारी ने बताया कि ड्रोन के इस्तेमाल से सीमा पार से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी का खतरा अगले छह महीनों में खत्म हो जाएगा। निश्चित रूप से तब तक ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी की व्यवस्था हो जाएगी।

 

India-Pakistan News: देश के बॉर्डर वाले इलाकों में हमेशा पाकिस्तान ड्रोन के जरिए ड्रग्स से लेकर आतंकियों के लिए हथियार सप्लाई करता रहता है। वह सीमावर्ती एरिया में आतंक को बढ़ाने की कोशिश में दशकों से लगा हुआ है। पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर की सीमाओं वाले इलाकों से सुरक्षाबलों रोजमर्रा इन ड्रोन्स को पकड़ते हैं, लेकिन अब पाकिस्तान की खाट खड़ी होने वाली है। भारत ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। दरअसल, भारत अगले छह महीनों के भीतर पाक के इन ड्रोन्स को रोकने के लिए स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम को इंस्टॉल करने की तैयारी में है। 

'टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार, सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में कहा कि एंटी ड्रोन टेक्निक की टेस्टिंग चल रही है, जिसमें तीन विकल्पों का परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "पूरी पश्चिमी सीमा पर लगाई जाने वाली ड्रोन-विरोधी प्रणाली या तो तीन प्रणालियों में से एक होगी या दो या अधिक प्रौद्योगिकियों का कॉम्बिनेशन होगी।" बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल ने हाल ही में जानकारी दी थी कि एक नवंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 के बीच बल द्वारा 90 ड्रोन बरामद किए गए, जिनमें पंजाब में 81 और राजस्थान में नौ शामिल थे। वहीं, पहले ड्रोन देखे जाने की संख्या 300-400 तक पहुंच गई है।

 

अधिकारी ने बताया, ''ड्रोन के इस्तेमाल से सीमा पार से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी का खतरा अगले छह महीनों में खत्म हो जाएगा। निश्चित रूप से तब तक ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी की व्यवस्था हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी का परीक्षण चल रहा है और यह अंतिम चरण में है। पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन या मानवरहित विमान (यूएवी) का उपयोग करके पाकिस्तान से भेजे गये हथियारों, गोला-बारूद और मादक पदार्थों को गिराया जाना कई वर्षों से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी समस्या रही है। सरकार ने अगस्त में बताया था कि पिछले तीन वर्षों में पंजाब में सीमा पार से हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किये जाने के 53 मामलों का पता चला है।

वहीं, भारत की पूर्वी सीमा को लेकर भी अधिकारी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों की आवाजाही को रोकने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) जल्द ही बंद कर दी जाएगी। एफएमआर भारत-म्यांमार सीमा के दोनों ओर रहने वाली जनजातियों को पड़ोसी देश के अंदर 16 किमी तक वीजा-मुक्त यात्रा की अनुमति देता है। वहीं, मणिपुर में जातीय हिंसा के लिए एक हद तक अवैध आव्रजन और नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी को बढ़ावा देने वाले एफएमआर को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसी वजह से सरकार फिर से विचार करते हुए इस व्यवस्था को बंद करने और म्यांमार के नागरिकों के प्रवेश के लिए वीजा को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है।

 

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