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Israel Attacks on Gaza : भयावह हमले में 70 से अधिक लोगों की मौत..

 गाज़ा सिटी, 20 मार्च, 2025:

इज़राइल द्वारा गाज़ा पर किए गए ताज़ा हवाई हमलों में 70 से अधिक फ़िलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है, जिससे क्षेत्र में एक गहरा मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। इन हमलों में मारे गए अधिकांश लोग आम नागरिक थे, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। यह हमले गाज़ा के विभिन्न इलाकों में किए गए, जिनमें ख़ान युनिस, रफ़ा, और बीत लाहिया जैसे आवासीय क्षेत्र शामिल थे। इस हमले ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों में सुरक्षा और राहत कार्यों में गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं।

हमलों का विस्तार और प्रभाव:

इज़राइल ने गाज़ा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में कई हवाई हमले किए। ये हमले मुख्य रूप से आवासीय क्षेत्रों और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए। इस दौरान भारी तबाही हुई, और कई घर मलबे में बदल गए। स्थानीय अस्पतालों में घायलों की संख्या में भारी इज़ाफा हुआ है, और इन अस्पतालों में पहले से ही घातक स्थिति का सामना कर रहे मरीजों के इलाज में भी कठिनाइयाँ आ रही हैं।

गाज़ा के निवासी भय और चिंता में जी रहे हैं, क्योंकि इज़राइल के आक्रमणों ने उनके दैनिक जीवन को प्रभावित किया है। कई लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं, जबकि अन्य अपने परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अस्पतालों में भर्ती घायल नागरिकों को इलाज देने के लिए चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव बढ़ गया है।

मानवीय संकट:

संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने गाज़ा में हो रही तबाही की निंदा की है और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। राहत संगठनों ने गाज़ा के नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सहायता और खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई है। कई सहायता समूहों ने इज़राइल और फिलिस्तीनियों से संघर्ष रोकने की अपील की है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बचाया जा सके।

इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि अस्पतालों में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी है, जिससे घायलों का इलाज करना और भी मुश्किल हो रहा है। यूएन ने आग्रह किया है कि मेडिकल आपूर्ति को गाज़ा में जल्द से जल्द पहुँचाया जाए।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:

इस संघर्ष में इज़राइल के हवाई हमले की निंदा करते हुए कई देशों ने इसकी कड़ी आलोचना की है। हालांकि, इज़राइल ने दावा किया है कि इन हमलों का उद्देश्य आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाना था, जो नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे थे। इज़राइल के प्रधानमंत्री ने इस हमले के दौरान अपने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और कहा है कि यह कार्रवाई फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के खिलाफ की गई है।

कुछ अंतर्राष्ट्रीय नेता, जैसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने संघर्ष को तुरंत समाप्त करने की अपील की है। गुटेरेस ने कहा कि "नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं होती, और सभी पक्षों को हिंसा को रोकने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।"

फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए खतरे की घंटी:

विशेषज्ञों का मानना है कि इस संघर्ष का सीधा प्रभाव गाज़ा के नागरिकों की सुरक्षा पर पड़ा है। फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों द्वारा की गई कार्रवाइयों के कारण इज़राइल ने इन हमलों को जायज ठहराया है, लेकिन इस संघर्ष में हर रोज़ बढ़ते हुए नागरिक नुकसान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गंभीर चिंताओं में डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन ने गाज़ा के नागरिकों से राहत शिविरों में सुरक्षित रहने की अपील की है, लेकिन इन शिविरों में भी संसाधनों की भारी कमी है।

भारत और अन्य देशों की भूमिका:

भारत और अन्य देशों ने गाज़ा में बढ़ते संकट पर चिंता जताई है और शांति की अपील की है। भारत ने दोनों पक्षों से शांति स्थापित करने की अपील की है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई है कि कोई भी नागरिक नुकसान नहीं हो। भारतीय सरकार ने फिलिस्तीनी और इज़राइल दोनों पक्षों से हिंसा को खत्म करने के प्रयासों को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।

 

गाज़ा पर इज़राइल के ताज़ा हवाई हमलों ने क्षेत्र में एक गहरी मानवाधिकार संकट उत्पन्न कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और मानवीय सहायता की पहुँच आसान बनाई जा सके। इन हमलों से उत्पन्न हुआ संकट यह दर्शाता है कि भविष्य में शांति और स्थिरता के लिए प्रयासों की आवश्यकता और भी अधिक है।

यह संकट फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच लंबे समय से चली आ रही जटिल स्थिति का हिस्सा है, और इसके समाधान के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करने की जरूरत है।

 

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