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वक्फ संशोधन बिल: मुस्लिम संपत्तियों पर नया कानून या सरकारी दखल? आज होगा बड़ा फैसला!

 नई दिल्ली, 2 अप्रैल 2025 — लोकसभा में आज वक्फ (संशोधन) बिल पेश किया जाएगा, जिसे लेकर सियासी माहौल गर्म है। केंद्र सरकार ने इस बिल को मुस्लिम वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से लाने की बात कही है, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध कर रहा है।

क्या है वक्फ संशोधन बिल 2025?

वक्फ बोर्ड भारत में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों का प्रबंधन करता है। वक्फ अधिनियम 1995 के तहत, वक्फ बोर्डों को विशेष शक्तियां दी गई थीं, लेकिन सरकार का दावा है कि वर्तमान कानून में कई खामियां हैं, जिनका दुरुपयोग हो रहा है।

इस संशोधन बिल में कुछ प्रमुख बदलाव प्रस्तावित हैं:

  1. वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर पारदर्शिता – सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व को स्पष्ट करने के लिए नए नियम लाए जा रहे हैं ताकि अवैध कब्जों और विवादों को रोका जा सके।

  2. गैर-मुस्लिम सदस्यों और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व – प्रस्तावित बिल में वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को भी जगह देने की बात कही गई है। सरकार का तर्क है कि इससे बोर्ड की कार्यप्रणाली अधिक समावेशी बनेगी।

  3. विभिन्न मुस्लिम समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड – यह संशोधन विशेष रूप से बोहरा और आगा खानी जैसे समुदायों को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है, ताकि उनकी धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन बेहतर हो सके।

  4. विवाद निपटान के लिए कड़े प्रावधान – वर्तमान कानून के तहत कई संपत्तियों पर विवाद लंबित हैं। नए संशोधन में इन विवादों को शीघ्र सुलझाने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू करने का प्रस्ताव है।

विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध क्यों?

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह बिल असंवैधानिक है और इससे वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह संशोधन मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों को कमजोर करने की कोशिश है।

वहीं, कई मुस्लिम संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने भी इस बिल को लेकर चिंता जताई है। उनके अनुसार, इस कानून के जरिए वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खतरा हो सकता है और सरकार को मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल सकता है।

सरकार का रुख

केंद्र सरकार का दावा है कि यह बिल किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्डों को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए लाया जा रहा है। कानून मंत्री ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार रुकेगा और वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

इस बिल के चलते देशभर में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने संसद भवन और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। कई राज्यों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित विरोध-प्रदर्शन को नियंत्रित किया जा सके।

क्या होगा आगे?

लोकसभा में इस बिल पर बहस के बाद मतदान होगा। अगर यह बिल लोकसभा में पास हो जाता है, तो इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। ऐसे में देखना होगा कि यह विधेयक सरकार के दावों के अनुरूप पारित होता है या विपक्ष के विरोध के चलते इसमें बदलाव किए जाते हैं।

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