देश-विदेश
सलमान खान के अपार्टमेंट में घुसा छत्तीसगढ़ का युवक पुलिस ने किया गिरफ्तार
मुंबई के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट, जहां बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान रहते हैं, वहां बीते कुछ दिनों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। 20 मई को एक युवक वहां जबरन घुस गया, जो छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का रहने वाला है। पुलिस ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया। इसके एक दिन बाद ही, 21 मई की रात एक महिला ने भी गैलेक्सी अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया।
टोल प्लाज़ा होगे बंद ,अब सीधे खाते से कटेगा शुल्क! जानिए कब से होगा लागु...
नई दिल्ली, 16 अप्रैल 2025 — भारत की सड़क यात्रा में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि देश में पारंपरिक टोल प्लाज़ा प्रणाली को समाप्त कर, एक अत्याधुनिक सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू की जाएगी।
सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली क्या है?
इस नई प्रणाली में वाहनों में लगे GPS या आधुनिक नंबर प्लेट्स के माध्यम से यात्रा की गई दूरी के अनुसार टोल शुल्क सीधे यात्रियों के बैंक खातों से काटा जाएगा। इससे टोल प्लाज़ा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी और यातायात में सुगमता आएगी।
गडकरी ने बताया कि वर्तमान में यदि कोई व्यक्ति टोल रोड पर 10 किलोमीटर की दूरी भी तय करता है, तो उसे 75 किलोमीटर का शुल्क देना पड़ता है। लेकिन नई व्यवस्था में उतनी दूरी का ही शुल्क लिया जाएगा, जितनी दूरी तय की गई होगी।
नई नीति कब लागू होगी?
गडकरी ने कहा कि इस योजना का एक पायलट चल रहा है और इस बदलाव को सुविधाजनक बनाने के लिए कानूनी संशोधन भी किए जा रहे हैं। अगले एक महीने में कोई एक विकल्प चुन लिए जाने की उम्मीद है। नई व्यवस्था लागू होने पर टोल बूथ पर कोई भीड़ नहीं होगी और यातायात भी प्रभावित नहीं होगा।
टोल से सरकार की कमाई
भारत में टोल से कुल कमाई 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये रही। यह पिछले साल की तुलना में 35 फीसदी ज्यादा है। 2019-20 में यह कमाई 27,503 करोड़ रुपये थी। इससे पता चलता है कि टोल से सरकार की कमाई लगातार बढ़ रही है।
भारत की सड़कें होगी अमेरिका के बराबर
गडकरी ने बताया कि 2024 से पहले देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे शुरू कर दिए जाएंगे, जिससे सड़क के मामले में भारत अमेरिका के बराबर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सड़कों के बन जाने से कई शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी।
यह कदम न केवल यात्रियों के लिए समय और ईंधन की बचत करेगा, बल्कि देश की सड़क परिवहन प्रणाली को और अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाएगा।
वक्फ संशोधन बिल: मुस्लिम संपत्तियों पर नया कानून या सरकारी दखल? आज होगा बड़ा फैसला!
नई दिल्ली, 2 अप्रैल 2025 — लोकसभा में आज वक्फ (संशोधन) बिल पेश किया जाएगा, जिसे लेकर सियासी माहौल गर्म है। केंद्र सरकार ने इस बिल को मुस्लिम वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से लाने की बात कही है, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध कर रहा है।
क्या है वक्फ संशोधन बिल 2025?
वक्फ बोर्ड भारत में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों का प्रबंधन करता है। वक्फ अधिनियम 1995 के तहत, वक्फ बोर्डों को विशेष शक्तियां दी गई थीं, लेकिन सरकार का दावा है कि वर्तमान कानून में कई खामियां हैं, जिनका दुरुपयोग हो रहा है।
इस संशोधन बिल में कुछ प्रमुख बदलाव प्रस्तावित हैं:
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वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर पारदर्शिता – सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व को स्पष्ट करने के लिए नए नियम लाए जा रहे हैं ताकि अवैध कब्जों और विवादों को रोका जा सके।
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गैर-मुस्लिम सदस्यों और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व – प्रस्तावित बिल में वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को भी जगह देने की बात कही गई है। सरकार का तर्क है कि इससे बोर्ड की कार्यप्रणाली अधिक समावेशी बनेगी।
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विभिन्न मुस्लिम समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड – यह संशोधन विशेष रूप से बोहरा और आगा खानी जैसे समुदायों को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है, ताकि उनकी धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन बेहतर हो सके।
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विवाद निपटान के लिए कड़े प्रावधान – वर्तमान कानून के तहत कई संपत्तियों पर विवाद लंबित हैं। नए संशोधन में इन विवादों को शीघ्र सुलझाने के लिए एक नई प्रक्रिया लागू करने का प्रस्ताव है।
विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध क्यों?
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह बिल असंवैधानिक है और इससे वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह संशोधन मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों को कमजोर करने की कोशिश है।
वहीं, कई मुस्लिम संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने भी इस बिल को लेकर चिंता जताई है। उनके अनुसार, इस कानून के जरिए वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खतरा हो सकता है और सरकार को मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल सकता है।
सरकार का रुख
केंद्र सरकार का दावा है कि यह बिल किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्डों को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए लाया जा रहा है। कानून मंत्री ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार रुकेगा और वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इस बिल के चलते देशभर में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने संसद भवन और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। कई राज्यों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित विरोध-प्रदर्शन को नियंत्रित किया जा सके।
क्या होगा आगे?
लोकसभा में इस बिल पर बहस के बाद मतदान होगा। अगर यह बिल लोकसभा में पास हो जाता है, तो इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। ऐसे में देखना होगा कि यह विधेयक सरकार के दावों के अनुरूप पारित होता है या विपक्ष के विरोध के चलते इसमें बदलाव किए जाते हैं।
सऊदी अरब में दिखा ईद का चांद, भारत में 31 मार्च को मनाई जाएगी ईद-उल-फितर
सऊदी अरब में ईद का चांद शनिवार (29 मार्च 2025) को दिख गया है. ऐसे में सऊदी में ये त्योहार 30 मार्च को मनाया जाएगा. वहीं भारत में सऊदी अरब के एक दिन बाद ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा. चांद दिखने के बाद सऊदी अरब ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि ईद-उल-फितर रविवार को मनाई जाएगी.
पुलिस का बड़ा एक्शन: राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज और विजय देवरकोंडा सहित 25 लोगों पर केस दर्ज
हैदराबाद, 20 मार्च 2025: तेलंगाना पुलिस ने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े एक बड़े मामले में फिल्मी जगत के कई नामी सितारों सहित 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस सूची में मशहूर अभिनेता राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज और विजय देवरकोंडा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, इन हस्तियों पर अवैध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म के प्रचार और वित्तीय लेनदेन में शामिल होने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि कुछ हाई-प्रोफाइल हस्तियां अवैध बेटिंग ऐप्स के प्रमोशन में शामिल थीं, जिससे हजारों लोग ठगी का शिकार हुए। इन ऐप्स ने आकर्षक ऑफर्स देकर लोगों को सट्टे में फंसाया, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
किन धाराओं में मामला दर्ज?
तेलंगाना पुलिस ने इन हस्तियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि इन हस्तियों द्वारा प्रमोट किए गए ऐप्स गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे थे और आम जनता को धोखा देने के लिए फर्जी दावे कर रहे थे।
सेलिब्रिटीज की भूमिका पर सवाल
जांच एजेंसियों का मानना है कि जिन सेलिब्रिटीज ने इन ऐप्स का प्रचार किया, वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके वित्तीय लेनदेन और बिजनेस मॉडल से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में, उन पर जांच की गाज गिरना तय माना जा रहा है।
तेलंगाना सरकार और साइबर क्राइम डिपार्टमेंट ने अवैध ऑनलाइन बेटिंग पर सख्त कदम उठाए हैं। हाल ही में कई राज्यों में ऐसे ऐप्स को बैन किया गया है, लेकिन डिजिटल माध्यम से इनका प्रचार जारी है। सरकार अब प्रमोशन में शामिल सेलेब्रिटीज के खिलाफ भी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
फिलहाल, पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को पूछताछ के लिए समन भेज सकती है। इस मामले में कई और बड़े नाम सामने आने की संभावना है।
Israel Attacks on Gaza : भयावह हमले में 70 से अधिक लोगों की मौत..
गाज़ा सिटी, 20 मार्च, 2025:
इज़राइल द्वारा गाज़ा पर किए गए ताज़ा हवाई हमलों में 70 से अधिक फ़िलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है, जिससे क्षेत्र में एक गहरा मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। इन हमलों में मारे गए अधिकांश लोग आम नागरिक थे, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। यह हमले गाज़ा के विभिन्न इलाकों में किए गए, जिनमें ख़ान युनिस, रफ़ा, और बीत लाहिया जैसे आवासीय क्षेत्र शामिल थे। इस हमले ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों में सुरक्षा और राहत कार्यों में गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं।
हमलों का विस्तार और प्रभाव:
इज़राइल ने गाज़ा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में कई हवाई हमले किए। ये हमले मुख्य रूप से आवासीय क्षेत्रों और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए। इस दौरान भारी तबाही हुई, और कई घर मलबे में बदल गए। स्थानीय अस्पतालों में घायलों की संख्या में भारी इज़ाफा हुआ है, और इन अस्पतालों में पहले से ही घातक स्थिति का सामना कर रहे मरीजों के इलाज में भी कठिनाइयाँ आ रही हैं।
गाज़ा के निवासी भय और चिंता में जी रहे हैं, क्योंकि इज़राइल के आक्रमणों ने उनके दैनिक जीवन को प्रभावित किया है। कई लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं, जबकि अन्य अपने परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अस्पतालों में भर्ती घायल नागरिकों को इलाज देने के लिए चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव बढ़ गया है।
मानवीय संकट:
संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने गाज़ा में हो रही तबाही की निंदा की है और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। राहत संगठनों ने गाज़ा के नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सहायता और खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई है। कई सहायता समूहों ने इज़राइल और फिलिस्तीनियों से संघर्ष रोकने की अपील की है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बचाया जा सके।
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि अस्पतालों में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी है, जिससे घायलों का इलाज करना और भी मुश्किल हो रहा है। यूएन ने आग्रह किया है कि मेडिकल आपूर्ति को गाज़ा में जल्द से जल्द पहुँचाया जाए।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इस संघर्ष में इज़राइल के हवाई हमले की निंदा करते हुए कई देशों ने इसकी कड़ी आलोचना की है। हालांकि, इज़राइल ने दावा किया है कि इन हमलों का उद्देश्य आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाना था, जो नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे थे। इज़राइल के प्रधानमंत्री ने इस हमले के दौरान अपने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और कहा है कि यह कार्रवाई फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के खिलाफ की गई है।
कुछ अंतर्राष्ट्रीय नेता, जैसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने संघर्ष को तुरंत समाप्त करने की अपील की है। गुटेरेस ने कहा कि "नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं होती, और सभी पक्षों को हिंसा को रोकने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।"
फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए खतरे की घंटी:
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संघर्ष का सीधा प्रभाव गाज़ा के नागरिकों की सुरक्षा पर पड़ा है। फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों द्वारा की गई कार्रवाइयों के कारण इज़राइल ने इन हमलों को जायज ठहराया है, लेकिन इस संघर्ष में हर रोज़ बढ़ते हुए नागरिक नुकसान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गंभीर चिंताओं में डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन ने गाज़ा के नागरिकों से राहत शिविरों में सुरक्षित रहने की अपील की है, लेकिन इन शिविरों में भी संसाधनों की भारी कमी है।
भारत और अन्य देशों की भूमिका:
भारत और अन्य देशों ने गाज़ा में बढ़ते संकट पर चिंता जताई है और शांति की अपील की है। भारत ने दोनों पक्षों से शांति स्थापित करने की अपील की है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई है कि कोई भी नागरिक नुकसान नहीं हो। भारतीय सरकार ने फिलिस्तीनी और इज़राइल दोनों पक्षों से हिंसा को खत्म करने के प्रयासों को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।
गाज़ा पर इज़राइल के ताज़ा हवाई हमलों ने क्षेत्र में एक गहरी मानवाधिकार संकट उत्पन्न कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और मानवीय सहायता की पहुँच आसान बनाई जा सके। इन हमलों से उत्पन्न हुआ संकट यह दर्शाता है कि भविष्य में शांति और स्थिरता के लिए प्रयासों की आवश्यकता और भी अधिक है।
यह संकट फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच लंबे समय से चली आ रही जटिल स्थिति का हिस्सा है, और इसके समाधान के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करने की जरूरत है।
सरकार का बड़ा ऐलान: छोटे व्यापारियों के लिए UPI भुगतान पर 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना!
डिजिटल इंडिया को मिलेगी नई रफ्तार भारत सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए UPI प्रोत्साहन योजना को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के तहत सरकार 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिससे छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारियों को डिजिटल भुगतान को अपनाने में सहायता मिलेगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे व्यापारियों और स्थानीय दुकानदारों को डिजिटल लेनदेन की ओर प्रोत्साहित करना है। नकद लेनदेन में कमी लाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार छोटे मूल्य के UPI लेनदेन को बढ़ावा दे रही है।
कैसे मिलेगा लाभ?
सरकार की इस योजना के तहत, अगर कोई ग्राहक 2,000 रुपये तक की खरीदारी करता है और भुगतान UPI के जरिए करता है, तो व्यापारी को प्रति लेनदेन 0.15% का प्रोत्साहन मिलेगा।
यदि कोई व्यापारी 2,000 रुपये का लेनदेन करता है, तो उसे 3 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इससे छोटे व्यापारियों की आय में वृद्धि होगी और वे अधिक डिजिटल लेनदेन करने के लिए प्रेरित होंगे।
कौन-कौन होंगे लाभार्थी?
छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए यह योजना फायदेमंद होगी।
किराना स्टोर, मेडिकल स्टोर, रेस्टोरेंट, और अन्य स्थानीय दुकानदारों को इससे सीधा फायदा मिलेगा।
डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने वाले सभी व्यापारी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
डिजिटल लेनदेन में बड़ा विस्तार
सरकार का उद्देश्य 2025-26 तक देश में 20,000 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन को हासिल करना है। खासतौर पर, छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में UPI भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई योजनाएं लागू कर रही है।
डिजिटल लेनदेन से होने वाले फायदे:
नकदी रखने की झंझट खत्म
लेनदेन में पारदर्शिता
व्यापारियों को सीधा लाभ
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति
काले धन और टैक्स चोरी पर लगाम
भारत में UPI ट्रांजेक्शन हर महीने नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2025 में UPI लेनदेन का कुल मूल्य 18 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। सरकार का मानना है कि इस प्रोत्साहन योजना से यह आंकड़ा और तेजी से बढ़ेगा। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में अभी भी डिजिटल भुगतान को अपनाने में कुछ कठिनाइयां देखी जा रही हैं, जैसे इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या और डिजिटल साक्षरता की कमी। सरकार इन चुनौतियों को हल करने के लिए UPI लाइट और ऑफलाइन पेमेंट जैसी नई तकनीकों को प्रोत्साहित कर रही है।
सरकार की यह पहल न केवल छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने से पारदर्शिता बढ़ेगी, टैक्स सिस्टम मजबूत होगा और नकद लेनदेन की निर्भरता कम होगी।
धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स: कैसा रहा पृथ्वी तक 9 महीनो का सफ़र ?
नई दिल्ली, 19 मार्च 2025 – नासा की जानी-मानी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर अंततः नौ महीने बाद अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर लौट आए हैं। यह वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से हुई, जो फ्लोरिडा के तट के पास सफलतापूर्वक समुद्र में उतरा।
आखिर क्यों हुई इतनी देरी?
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को जून 2024 में केवल आठ दिनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा गया था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते उनका मिशन अनियोजित रूप से लंबा हो गया। बोइंग का स्टारलाइनर यान, जो उन्हें वापस लाने वाला था, बार-बार की तकनीकी समस्याओं के कारण असफल रहा। इसके चलते, अंततः स्पेसएक्स की मदद ली गई और उनके ड्रैगन कैप्सूल ने सफलतापूर्वक यह कार्य पूरा किया।
कैसा रहा पृथ्वी तक का सफर?
पृथ्वी तक लौटने का सफर 17 घंटे लंबा रहा, जिसमें अंतरिक्ष यान को 17000 मील प्रति घंटा की तेज़ गति से प्रवेश करना पड़ा। जैसे ही यह वायुमंडल में पहुंचा, कैप्सूल का बाहरी तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। हालांकि, हीट शील्ड ने यात्रियों को सुरक्षित रखा।
अंततः, भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे, ड्रैगन कैप्सूल ने फ्लोरिडा के समुद्र में सफल लैंडिंग की।
समंदर में उतरा कैप्सूल, डॉल्फिन्स ने किया स्वागत
स्प्लैशडाउन के तुरंत बाद, एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला—समुद्र में उतरे कैप्सूल के चारों ओर डॉल्फिन्स का झुंड घूमने लगा। यह दृश्य न केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी बेहद रोमांचक था।
स्पेसएक्स कंट्रोल सेंटर से यात्रियों का स्वागत किया गया: “निक, एलेक, बुच, सुनी... स्पेसएक्स की ओर से घर वापस आने का स्वागत है।” इस पर कमांडर निक हेग ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “कैप्सूल में हर कोई मुस्कुरा रहा है।”
रिकवरी ऑपरेशन और मेडिकल परीक्षण
कैप्सूल के पानी में उतरने के बाद, स्पेसएक्स की रिकवरी टीम ने फास्ट बोट्स के जरिए पहुंचकर यात्रियों की सुरक्षा जांच की। इसके बाद कैप्सूल को सुरक्षित पोत पर लाया गया। सभी अंतरिक्ष यात्रियों का प्रारंभिक मेडिकल परीक्षण किया गया, जिसमें उनकी स्थिति सामान्य पाई गई।
क्या आगे करेंगी सुनीता विलियम्स?
सुनीता विलियम्स पहले भी कई ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा रही हैं। उन्हें उनकी सादगी और भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम के लिए भी जाना जाता है—एक बार वे अंतरिक्ष में समोसे और गीता लेकर गई थीं।
अब, उनकी योजना अगले कुछ महीनों तक रीहैबिलिटेशन और रिसर्च पर ध्यान देने की है।
अंतरिक्ष से धरती तक का रोमांचक सफर!
इस मिशन ने एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान की चुनौतियों और संभावनाओं को उजागर किया है। बोइंग स्टारलाइनर की असफलता के बावजूद, स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल की सफलता ने भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा की नई संभावनाएं खोल दी हैं।
यह वापसी न केवल वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति उत्साही लोगों के लिए प्रेरणादायक भी है।
भूसे के ढेर में आग लगने से चार बच्चों की मौत
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा अनुमंडल के टोंटो थाना क्षेत्र के बड़ाबांकी गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें चार बच्चों की मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब बच्चे गांव के एक भूसे के ढेर के पास खेल रहे थे, और अचानक आग लग गई। आग की चपेट में आने से बच्चों की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
बड़ाबांकी गांव में शनिवार को चार बच्चे—तीन लड़कियां और एक लड़का—भूसे के ढेर के पास खेल रहे थे। अचानक, भूसे के ढेर में आग लग गई, जिससे बच्चे उसकी चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बच्चों की मौत हो चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन संभावना है कि बच्चे खेलते समय माचिस या अन्य ज्वलनशील वस्तुओं का उपयोग कर रहे थे, जिससे आग लगी।
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला, 90 सैनिकों की मौत का दावा
नोशकी, बलूचिस्तान: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बड़ा आतंकवादी हमला हुआ है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला कर 90 सैनिकों को मारने का दावा किया है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इस आंकड़े को खारिज करते हुए केवल 7 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है।
हमले का विवरण
यह हमला बलूचिस्तान के नोशकी जिले में हुआ, जहां पाकिस्तानी सेना का एक काफिला क्वेटा से ताफ्तान जा रहा था। BLA के मुताबिक, उनके एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी के साथ काफिले की एक बस को निशाना बनाया, जिससे भारी तबाही हुई। इसके बाद, BLA के लड़ाकों ने बची हुई सैन्य गाड़ियों पर भी हमला कर दिया।
BLA ने इस हमले का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें आत्मघाती हमलावर को विस्फोटक से भरी गाड़ी के साथ जाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो में हमले के बाद मची तबाही के दृश्य भी दिखाए गए हैं।
पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सेना ने इस हमले की पुष्टि की है, लेकिन BLA के दावे को गलत बताते हुए कहा कि हमले में केवल 7 सैनिक मारे गए और 21 घायल हुए हैं। सेना के मुताबिक, काफिले में सात बसें और दो सुरक्षा गाड़ियां थीं। एक बस को IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से निशाना बनाया गया, जबकि दूसरी पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया।
हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
बलूचिस्तान में बढ़ते हमले
बलूचिस्तान लंबे समय से अलगाववादी आंदोलनों और आतंकवादी हमलों का केंद्र रहा है। BLA जैसे संगठन पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने कई हमले किए हैं।
हाल ही में BLA ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया था। उन्होंने दावा किया था कि इस हमले में 214 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि सेना ने केवल 28 जवानों के मारे जाने की पुष्टि की थी।
क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर
इस हमले से न केवल पाकिस्तान में अशांति बढ़ने की संभावना है, बल्कि यह दक्षिण एशिया की सुरक्षा को भी प्रभावित कर सकता है। बलूचिस्तान में बढ़ते विद्रोही हमलों के चलते पाकिस्तान की सेना पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
BLA की लगातार बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में सैन्य अभियान तेज कर दिया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सेना के कठोर कदमों से हिंसा और बढ़ सकती है।
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिवसेना, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले सहित कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने समर्थन व्यक्त किया है।
कानूनी अड़चनें और सरकारी रुख
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की इच्छुक है, लेकिन यह एक संरक्षित स्थल है। कांग्रेस सरकार के समय इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षण प्रदान किया गया था। कानूनी कारणों से ASI के संरक्षण वाले किसी भी स्थल को हटाने का निर्णय राज्य सरकार अकेले नहीं ले सकती।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने फडणवीस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इसलिए हर बार कांग्रेस पर आरोप लगाना उचित नहीं है। उनका मानना है कि सरकार को मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहिए।
बीजेपी नेता सुधीर मुंगंटीवार ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यदि अफजल खान की कब्र से अतिक्रमण हटाया जा सकता है, तो इस मामले में भी कार्रवाई संभव होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि औरंगजेब जैसे आक्रमणकारी का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए।
शिवसेना नेता शंभूराजे देसाई ने भी इस मांग का समर्थन किया और कहा कि सरकार केंद्र सरकार से इस मामले पर बातचीत करेगी।
वंशजों और अन्य नेताओं की मांग
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने औरंगजेब की कब्र को जेसीबी से हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब एक आक्रमणकारी और लुटेरा था, इसलिए उसकी कब्र को संरक्षित नहीं किया जाना चाहिए।
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए इसे समय की जरूरत बताया। उनका मानना है कि इससे राज्य में शांति और सद्भाव बना रहेगा।
बिहार-रोहतास के रेड लाइट एरिया में 45 नाबालिग को किया बरामद, इसमें 41 लड़किया छत्तीसगढ़ की
रोहतास : बिहार के रोहतास में आज रेड लाइट एरिया में पुलिस ने दबिश दी तो हड़कंप मच गया. अचानक पुलिस को देख लड़कियां भागने लगी. इसी दौरान पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाकर 45 से ज्यादा लड़कियों को रेस्क्यू किया. वहीं 5 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही है.
Trade War : अमेरिका और अन्य देशों के बीच बढ़ा तनाव ...
दुनिया भर में व्यापारिक माहौल में भारी उथल-पुथल मच गई है क्योंकि अमेरिका ने अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर नए टैरिफ लगाए हैं। इसके जवाब में कई देशों ने कड़े कदम उठाए हैं, जिससे पूर्ण व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
अमेरिका ने लगाए भारी टैरिफ
मंगलवार को अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित सभी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगा दिया, वहीं चीन से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन कदमों को सही ठहराते हुए कहा कि ये देश अमेरिका में अवैध नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने में नाकाम रहे हैं।
वैश्विक शिपिंग पर असर
इन नए टैरिफों के कारण वैश्विक समुद्री व्यापार प्रभावित हो सकता है, जो कि दुनिया के 80% व्यापार को संभालता है। बढ़ती अनिश्चितता के कारण व्यापारियों को लागत में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल
व्यापारिक तनाव के कारण अमेरिकी शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। एस एंड पी 500 इंडेक्स को इस साल का सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। अर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी जीडीपी विकास दर के घटने की चेतावनी दी है, जिससे महंगाई और उत्पादन लागत में वृद्धि हो सकती है।
कनाडा और चीन ने लिया जवाबी एक्शन
कनाडा ने अमेरिका के खिलाफ 30 अरब कैनेडियन डॉलर के उत्पादों पर टैरिफ लगा दिया और यह चेतावनी दी कि यदि अमेरिका अपने फैसले को वापस नहीं लेता तो और कठोर कदम उठाए जाएंगे।
वहीं, चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने और वहां की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि 2025 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि धीमी रह सकती है। हालांकि, एशिया से होने वाले निर्यात और सेवाओं के व्यापार में सुधार के कारण 2025 में वैश्विक व्यापार 3.2% तक बढ़ने की संभावना है। लेकिन मौजूदा व्यापार तनाव इस वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।
शराब को लेकर सास-बहु में झगड़ा, कमरे में बंद कर लगायी आग..
झारखंड – दुमका में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां शराब पीने को लेकर सास-बहू के बीच हुए विवाद ने दर्दनाक मोड़ ले लिया। सास ने बहू को कमरे में बंद कर खुद को आग लगा ली।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, बहू के शराब पीने पर सास ने आपत्ति जताई, जिससे दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। गुस्से में आकर सास ने बहू को एक कमरे में बंद कर दिया और खुद को आग के हवाले कर दिया।
शोर सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी। आपातकालीन सेवाएं तुरंत पहुंचीं, लेकिन तब तक सास बुरी तरह झुलस चुकी थीं। उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बाद में बहू को कमरे से सुरक्षित बाहर निकाला गया, हालांकि वह सदमे में थी।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और परिवार के सदस्यों व पड़ोसियों से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
Israil Hamas Ceasefire: 4 शव लौटाने के बदले हमास ने रखी बड़ी शर्त, जानिए क्या है डील
यरुशलम/गाजा। इजराइल और हमास के बीच बंधकों और शवों के आदान-प्रदान को लेकर महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इस सौदे के तहत, हमास द्वारा बंधक बनाए गए कुछ इजराइली नागरिकों और सैनिकों को रिहा किया जाएगा, जबकि इजराइल बदले में 600 से अधिक फिलिस्तीनियों को मुक्त कर सकता है। इस समझौते को दोनों पक्षों के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब गाजा में संघर्ष तेज हो चुका है।
क्या है समझौते के प्रमुख बिंदु?
- बंधकों की रिहाई: इजराइल और हमास दोनों एक साथ अपने-अपने कब्जे में मौजूद लोगों को छोड़ेंगे।
- शवों का आदान-प्रदान: इस समझौते में मारे गए लोगों के शवों को भी सौंपे जाने की सहमति बनी है।
- संभावित कैदी रिहाई: खबरों के मुताबिक, इजराइल 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त कर सकता है।
- मध्यस्थता का प्रयास: इस डील को सफल बनाने में कतर और मिस्र की बड़ी भूमिका रही है।
युद्धविराम की उम्मीदें बढ़ीं
इस आदान-प्रदान के बाद संघर्ष विराम को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार गाजा में हो रहे संघर्ष को रोकने की अपील कर रहा है। यह समझौता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह डील संघर्ष को पूरी तरह समाप्त कर पाएगी या नहीं।
क्या कहते है विश्लेषक
विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन संघर्ष विराम और स्थायी शांति के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना होगा।
क्या यह समझौता शांति का नया रास्ता खोलेगा या सिर्फ अस्थायी राहत देगा? आने वाले दिनों में इसकी सच्चाई सामने आएगी।
CAG रिपोर्ट पर कांग्रेस का हमला: ‘लूट, झूठ और विभाजन’ कहकर AAP सरकार को घेरा
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। इस बार कांग्रेस ने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केजरीवाल सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने रिपोर्ट में उजागर हुई खामियों को ‘लूट, झूठ और विभाजन’ करार देते हुए AAP सरकार को घेरा और उसके कार्यकाल की कथित नाकामियों को गिनाया।
CAG रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए?
CAG रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की कई योजनाओं और खर्चों को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार—
वित्तीय अनियमितताएँ: सरकार की कई योजनाओं में धन के अनुचित उपयोग और वित्तीय गड़बड़ियों के संकेत मिले हैं।
विज्ञापन पर भारी खर्च: दिल्ली सरकार ने अपने प्रचार-प्रसार पर जरूरत से ज्यादा राशि खर्च की, जो नियमों के खिलाफ है।
योजनाओं की नाकामी: कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएँ ज़मीन पर सफलतापूर्वक लागू नहीं हो सकीं।
कांग्रेस का AAP पर सीधा हमला
कांग्रेस ने CAG रिपोर्ट के आधार पर AAP सरकार को कठघरे में खड़ा किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार जनता के पैसों का दुरुपयोग कर रही है और वास्तविक विकास की जगह सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि AAP सरकार ‘लूट, झूठ और विभाजन’ की नीति पर काम कर रही है—
- लूट: सरकारी खजाने की अव्यवस्थित खर्चीली नीतियाँ।
- झूठ: जनता को भ्रामक प्रचार के जरिए गुमराह करना।
- विभाजन: समाज में राजनीति के जरिए ध्रुवीकरण पैदा करना।
AAP सरकार की सफाई
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने CAG रिपोर्ट को विपक्ष द्वारा राजनीतिक हथियार बनाए जाने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि AAP सरकार ने दिल्ली के शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है और विपक्ष बेवजह आरोप लगा रहा है।
राजनीतिक माहौल गरमाया
CAG रिपोर्ट सामने आने के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ने AAP पर तीखे प्रहार किए हैं, जबकि AAP खुद को बचाने में जुटी है। आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा जनता के बीच कितना असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी।
महाशिवरात्रि पर संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, इतने कर्मचारियों के नियमितीकरण का ऐलान!
नई दिल्ली: महाशिवरात्रि से पहले दिल्ली के संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है। क्या वे आखिरकार स्थायी कर्मचारी बन जाएंगे? इसका फैसला 25 फरवरी को होने वाली MCD की महत्वपूर्ण बैठक में होने जा रहा है, जहां 12,000 कर्मचारियों के नियमितीकरण पर अंतिम मुहर लग सकती है!
दिल्ली MCD में ऐतिहासिक कदम!
दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाने वाले इस फैसले की जानकारी पूर्व सीएम आतिशी मार्लेना ने खुद दी। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर घोषणा करते हुए लिखा—
"दिल्ली MCD में ‘आप’ सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सभी विभागों के 12,000 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का फैसला किया है। 25 फरवरी को MCD सदन की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगेगी। हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करने जा रहे हैं!"
इतना ही नहीं, उन्होंने आगे दावा किया कि "देश के इतिहास में किसी भी सरकार ने इतना बड़ा फैसला नहीं लिया, जो अब अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में ‘आप’ सरकार लेने जा रही है।"
केजरीवाल ने दी कर्मचारियों को बधाई!
इस बड़े फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा—
"MCD के सभी 12,000 अस्थायी कर्मचारियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ! आम आदमी पार्टी ने अपना वादा निभाते हुए निगम के इन अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। 25 फरवरी को MCD सदन की बैठक में यह प्रस्ताव पारित होगा!"
अब सबकी निगाहें 25 फरवरी की MCD बैठक पर टिकी हैं। क्या यह फैसला बिना किसी अड़चन के पास हो जाएगा? क्या दिल्ली के 12,000 अस्थायी कर्मचारियों का इंतजार खत्म होने वाला है?