छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में जैन मुनि विद्यासागर ने शनिवार की देर रात को देह त्याग दिया बताया गया है कि जैन मुनि विद्यासागर तीन दिन के उपवास पर थे और मौन धारण किए हुए थे, इसके बाद उन्होंने देह को त्याग दिया। जैन मुनि विद्यासागर के निधन का समाचार मिलते ही जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ पहुंचने लगे हैं।
आपको बता दें कि 18 फरवरी की सुबह जैन समाज के लिए एक बुरी खबर लेकर आई। जैन समाज के दिसंबर संत आचार्य विद्यासागर ने 17 फरवरी की रात छत्तीसगढ के डोंगरगढ़ में स्थित चंद्रतीर्थ तीर्थ में अपना शरीर त्याग दिया। जैसे ही ये खबर जैन समाज के लोगों को पता चली, लोगों को जुटना शुरू हो गया है। आज दोपहर 1 बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि होगी। पिछले साल पीएम मोदी खुद मुनि का आशीर्वाद लेने यहां आए थे।
शरीर त्यागने से 3 दिन पहले ही आचार्य विद्या सागर ने आचार्य पद का त्याग कर दिया था और 3 दिन का उपवास धारण कर अखंड मौन ले लिया था। जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। इसके पहले 6 फरवरी को उन्होंने निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से बात की और संघ से संबंधित कार्यों से निवृत्ति ले ली थी और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था।